व्यक्ति शरीर के बंधन में होने पर शरीर, इन्द्रियों की सहायता से सारे काम करता है। मोक्ष में ये शरीर, इन्द्रियाँ नहीं रहते। मोक्ष में प्रकृति के बने साधन नहीं होते। वहाँ तो ईश्वर की शक्ति का सहयोग मिलता है। ईश्वर की शक्ति से मुक्त आत्मायें सब जगह घूमती हैं, देखती हैं, सुनती हैं, बातें करती हैं। जो भी मुक्ति का आनंद होता है, वो ईश्वर की शक्ति से भोगती हैं। मुक्त आत्मा, मुक्त आत्मा से बात करेगी, हमसे नहीं। और हम बु( आत्माएँ आपस में बात करेंगे, मुक्तात्माओं से नहीं । और हम बु( आत्माएँ आपस में बात करेंगे, मुक्तात्माओं से नहीं ।