समाधि की प्राप्ति में गुरू का कितना सहयोग चाहिये?

समाधि की प्राप्ति में ‘गुरू’ का उतना ही सहयोग चाहिए, जितना कि वैज्ञानिक (साइंटिस्ट( बनने के लिए साइंस टीचर का चाहिए। जैसे साइंस टीचर के बिना कोई व्यक्ति साइंटिस्ट नहीं बन सकता, वैसे ही बिना गुरू के ‘समाधि’ की उपलब्धि संभव नहीं है। वस्तुतः सामान्य नियम तो यही है। हालांकि इसके अपवाद भी हो सकते हैं। कोई ऐसा भी हो सकता है, जो पूर्व जन्म के संस्कार और विद्या लेकर आया हो, वह किसी मनुष्य को गुरू बनाये बिना ही पूर्व संचित विद्या से पुरूषार्थ करके और ईश्वर रूपी गुरू की सहायता से समाधि को प्राप्त कर ले। दरअसल,अपवाद (एक्सेप्शन( हर जगह होते हैं। इसलिए यदि किसी को मनुष्य शरीरधारी गुरू के बिना समाधि प्राप्त हो जाए, तो वह अपवाद की श्रेणी में रखा जाएगा। लेकिन यह सामान्य यही नियम नहीं है। सामान्य नियम तो यही है, कि जैसे गणित पढ़ाने के लिए,साइंस पढ़ाने के लिए,कॉमर्स पढ़ाने के लिए अध्यापक, शिक्षक चाहिए। वैसे ही योग समाधि के लिए भी देहधारी शिक्षक चाहिए,गुरूजी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *