शंका-प्रकृति तीन तत्त्वों का समुदाय है? इनमें सत्त्व प्रकाशशील, सुखस्वरूप, रजोगुण क्रियाशील, तमोगुण स्थितिशील है। प्रकृति से बने संसार अर्थात् विकृति में ये तीनों गुणों को देखकर ऐसा संदेह होता है कि ये गुण ही स्वयं विकृति करते हैं। फिर सृष्टि निर्माण में ईश्वर की क्या और क्यों आवश्यकता है?