इसका उत्तर है- वृक्षों की जड़ में। जब तक वृक्ष की जड़ सलामत है, तब तक वृक्ष जीवित है। यदि जड़ को उखाड़ दिया जाये, तो फिर वह मर गया। ऊपर से काटते-छाँटते रहो, लेकिन जड़ पर प्रहार मत करो। कई बार ऊपर से वृक्षों को काट देते हैं, लेकिन वो मरते नहीं, फिर दोबारा खड़े हो जाते हैं। इसका मतलब जीवात्मा वृक्ष की जड़ में होना चाहिए।