योगाभ्यास को कष्ट न समझकर करें, तो क्या उसमें सफलता मिल सकती है?

बिल्कुल मिल सकती है। योगाभ्यास को कष्ट मानकर के मत कीजिये, तपस्या मानकर के कीजिये, तो आपको सफलता मिलेगी। कष्ट मानकर करेंगे, तो सफलता नहीं मिलेगी। आप योगाभ्यास को कष्ट मानकर करेंगे, तो मन में खिन्नता हो जायेगी, मन चंचल हो जायेगा, अस्थिर हो जायेगा, तो सफलता नहीं मिलेगी। तपस्या मानकर करेंगे तो मन में प्रसन्नता होगी, शांति और स्थिरता होगी और आप योगाभ्यास में सफल हो जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *