यदि मांसाहार का निषेध कर दिया जाये, तो मांस पर निर्भर लोगों की रोजी-रोटी का क्या प्रबंध है। वो क्या करेंगे?

बहुत सारे लोग चोरी करते हैं, बहुत सारे लोग डकैती भी करते हैं, तो क्या आप यह कहेंगे, ‘कि चोरी डकैती यदि बंद कर दी जाये, तो उनके धंधे का क्या होगा? चोरी, डकैती उनका धंधा है। उनकी रोजी-रोटी मारी जायेगी। चोरी डकैती वो बंद कैसे कर सकते हैं।’ चालू रखो। चालू रखो। चलेगा क्या?
धन्धा कौन सा करना, व्यवसाय कौन सा करना। वो भी ईश्वर ने बता रखा है। अच्छा धन्धा करो, अच्छा व्यवसाय करो। लूट-मार वाला नहीं, चोरी-डकैती वाला नहीं। मांसाहार का धन्धा ही गलत है। वो धन्धा ही कानून के विरू( है। वो बंद करना पड़ेगा। गेहूं पैदा करो, अनाज पैदा करो, खेती करो, व्यापार करो, मेहनत करो, मकान बनाओ, कपड़ा बेचो, रोटी बेचो, मिठाई बेचो। दुनिया भर की चीजें हैं, एक मांस ही बस है क्या खाने के लिये। चीन देश वाले अपने आप को बौ( मानते हैं। और बौ(ों का नारा क्या है-अहिंसा परमो धर्मः। और व्यवहार में देखो तो- हिंसा परमोधरमः। चीन वालों ने एक भी प्राणी नहीं छोड़ा, सब खा जाते हैं। कछुए, केकड़े, सांप, बिच्छू सब खा जाते हैं, कुछ नहीं छोड़ा। बताईये, यह अपने आप को अहिंसावादी कहते हैं। तो क्या खाना, क्या नहीं खाना यह भी वेद में बताया है। उदाहरण के लिये- आप एक मोटरसाइकिल खरीदकर लाये उसमें कौन सा फ्यूल डालें, पेट्रोल डालें, डीजल डालें, या कैरोसीन डालें, यह कौन डिसाईड करेगा। कस्टमर करेगा या कंपनी। कंपनी डिसाईड करेगी न, जिस इंजीनियर ने इंजन डिजाइन किया है, वही डिसाईड करेगा, इसमें कौन सा फ्यूल डालना है। ठीक है। मान लीजिये, मोटरसाइकिल का नाम हीरो-होण्डा है। अब आपको पता लग गया इसमें कौन सा फ्यूल डलेगा। फ्रेश पेट्रोल डलेगा। न डीजल डलेगा, न कैरोसीन डलेगा। और पेट्रोल में भी ऑइल मिक्स नहीं करना। फ्रेश पेट्रोल ही टन्की में डलेगा। तो यह डिसीजन किसने लिया? उस इंजन के डिजाईन करने वाले इंजीनियर ने। उसको पता है, कि मैंने कैसा इंजन बनाया है, इसमें कौन सा फ्यूल डालना है। ठीक इसी तरह से, यह जो हमारा मनुष्य शरीर है, यह भी एक मशीन है। और इसके अंदर पाचन संस्थान भी एक इंजन है। तो इस पाचन संस्थान में कौन सा फ्यूल त्र (भोजन( डालना है, यह कौन डिसाईड करेगा। हम करेंगे या इसका इंजीनियर। इसका इंजीनियर करेगा, जिसने ये बॉडी (शरीर( बनाई है। यह शरीर किसने बनाया, ईश्वर ने। तो यह ईश्वर डिसाइड करेगा, कि हमको क्या खाना है, और क्या नहीं खाना। इस इंजन में कौन सा फ्यूल डालना। तो वेद में ईश्वर ने शाकाहारी भोजन खाने को बताया हे। जो मैंने पहले आपको मंत्र भी सुना दिये, बहुत से प्रमाण सुना दिये, यजुर्वेद के, अथर्ववेद के। तो जब ईश्वर कहता है- शाकाहारी भोजन खाने के लिये यह इंजन डिसाइड किया गया है। अगर आप इसमें मांस डालोगे, तो बिल्कुल वैसी ही बात है, कि हीरो-होण्डा मोटरसाइकिल के अंदर आप डीजल भरते हैं। तो इंजन का सत्यानाश हो जायेगा। मांस खाना, शराब पीना और अण्डे खाना, ये सब मनुष्य शरीर में डालना। इसका अर्थ है, कि ‘पेट्रोल’ इंजन के अंदर ‘डीजल’ फ्यूल डालना। वो उसका विनाश करेगा। इसलिये मनुष्य को मांस आदि नहीं खाना चाहिये।

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