मृत्यु के उपरांत मस्तिष्क भस्म हो जाता है, हृदय भी भस्म हो जाता है, फिर इसमें संस्कार कैसे संचित रह सकते हैं?

ये जो ‘संस्कार’ जमा होते हैं वो ‘मन’ में होते हैं। मन ‘सूक्ष्म शरीर’ का भाग है। वो अलग है। और हमारा यह मस्तिष्क ‘स्थूल शरीर’ का भाग है। यह उससे अलग है। और यह हृदय भी स्थूल शरीर का भाग है। जब मृतक का अंतिम संस्कार करते हैं अर्थात् अग्नि-संस्कार करते हैं तो स्थूल शरीर वाला मस्तिष्क जल जायेगा, हृदय भी जल जायेगा, और पूरा स्थूल शरीर भी जल जायेगा पर ‘मन’ नहीं जलेगा। मन तो आत्मा के साथ अगले जन्म में चला जायेगा। सस्ंकार जमा हुये थे, आत्मा और मन में। इसलिये ‘संस्कार’ आत्मा और मन के साथ चले जाते हैं। इस प्रकार से संस्कार पुर्नजन्म में चले जायेंगे।

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