उत्तर यह है कि पहला जन्म कोई नहीं। पहला जन्म मानते ही भयंकर समस्या उत्पन्ना होगी। मान लो, ईश्वर ने किसी आत्मा
को पहला जन्म दिया, तो प्रश्न होगा कि, कर्म के आधार पर देगा या बिना कर्म के आधार पर देगा? अगर पहला जन्म दिया तो कर्म कहाँ से आ गया? पिछले कर्म के आधार पर तो पीछे कर्म हुआ न, तो वो पहला जन्म नहीं हुआ न। बस यही उत्तर है। पहला जन्म कोई नहीं है।
जब भी जन्म मिलेगा वो कर्म के आधार पर मिलेगा। और वो कर्म कहाँ से आएगा, उससे पिछले जन्म का। और उससे पिछले जन्म में जो कर्म आया, वो कहाँॅ से आया, उससे पिछले का। उससे पिछले का, उससे पिछले का। इसलिए पहला जन्म कोई नहीं है।
आपके उत्तर से सहमत नहीं हूं अरे कभी तो आत्मा जन्म लिया होगा ना शरीर धारण क्या होगा कभी तो इसका शुरूआत हुआ होगा।यह आज समाज में बहुत बड़ा गलती है।
Not आज समाज butआर्य समाज
मैं समझता हूं ईश्वर ने पहले मनुष्य को बनाया क्योंकि यह सरेष्ठ प्राणी है।आपको नहीं लगता।पर विज्ञान कुछ और ही कहता है और फिर डायनासोर के बारे में………………बहुत अजीब है।reply जरूर करिएगा आप reply नहीं करते है।
Nirantar shrishti ke Atal niyamon ko jan lena hee vigyan hai.
yahee karan hai ki vgyan ke siddhant parivartit hote rahate hien jabaki Ved ishwar ka nitya gyan hai jo aparivartit rahta hai