बार बार या प्रत्येक बार मन्त्र जपना या परमेश्वर का नाम लेना चाहिए या नहीं और जैसे ब्राह्मण लाख दो लाख मन्त्र या परमेश्वर के नाम का जाप और पुरश्चरण करते हैं यह ठीक है या नहीं है ?

पहचानना चाहिए । जाप और पुरश्चरण करना कुछ आवश्यक

नहीं ।