जो हम चाहते हैं, वो हमें नहीं मिलता। जो हम नहीं चाहते, वो हमें मिल जाता है। ऐसा क्यों?

हम सर्वशक्तिमान नहीं हैं। हम इस दुनिया के मालिक या राजा नहीं हैं। सब लोग हमारे आधीन नहीं हैं कि, जैसा हम चाहें, वैसा ही हो।
स हम जो नहीं चाहते, दूसरे वो हमको जबरदस्ती थोप देते हैं। हमें वो काम करना पड़ता है। क्या करें, हम सबसे बड़े नहीं हैं। हम कईयों के नीचे रहते हैं। छोटे हैं तो हमें बड़ों की बात माननी पड़ती है, चाहे हमारी इच्छा हो, या न हो।
स दूसरे लोग स्वतंत्र हैं, इसलिए वो अपनी इच्छा से काम करते हैं। हम जैसा चाहते हैं, वे वैसा सहयोग नहीं देते। यह उनकी अपनी स्वतंत्र इच्छा है। इसलिए सब कुछ हमारी इच्छानुसार नहीं हो सकता।

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