जीवात्मा भविष्य में जो विचार करेंगे, उसका ज्ञान ईश्वर को पहले से हो सकता है या नहीं?

यह तो ईश्वर को पता है कि चुपचाप खाली तो कोई जीवात्मा बैठता नहीं, भविष्य में वह कुछ तो सोच-विचार करेगा।
स किस-किस तरह के विचार जीवात्मा कर सकते हैं, जीवात्माओं की घटिया से घटिया और बढ़िया से बढ़िया क्या-क्या थिंकिंग हो सकती है, वो पूरी सूची भगवान के पास में पहले से है।
स यह कभी नहीं हो सकता कि जीवात्मा ऐसा कोई विचार कर डाले, जिसे जानकर भगवान को बड़ा आश्चर्य हो कि – ”अच्छा ! जीवात्मा ऐसा भी सोच सकता है, यह तो आज ही पता चला।” ऐसा कभी नहीं होगा कि जीवात्मा कोई ऐसा विचार या कार्य कर डाले, जो ईश्वर के लिए नया हो।
स जीवात्मा कुछ भी विचारे, उसकी ‘ए टू जेड’ पूरी लिस्ट भगवान के पास है। उसकी जानकारी में है, क्योंकि ईश्वर सर्वज्ञ है, गॉड इज ओम्नीशियैन्ट।
स अब खास समझने की बात यह है कि यह पहले से तयशुदा (प्री-डिसाइडेड) नहीं है कि कौन जीवात्मा, कब क्या सोचेगा ? इसलिए ईश्वर को यह पहले से पता नहीं। जीवात्मा जो कुछ भी सोचे, उसकी स्वतंत्रता है। पर वो जो भी सोचेगा, भगवान की लिस्ट में जरूर है। वह उससे बाहर नहीं सोच सकता। जीवात्मा की पूरी क्षमता ईश्वर को मालूम है।

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