मुक्ति केवल मनुष्य योनि में ही होती है और किसी प्राणी के शरीर से मुक्ति नहीं होने वाली है। गाय के शरीर से डायरेक्ट मुक्ति नहीं होगी। मनुष्य शरीर में भी केवल संन्यासी का मोक्ष होता है, और किसी का नहीं होता है।
मुक्ति केवल मनुष्य योनि में ही होती है और किसी प्राणी के शरीर से मुक्ति नहीं होने वाली है। गाय के शरीर से डायरेक्ट मुक्ति नहीं होगी। मनुष्य शरीर में भी केवल संन्यासी का मोक्ष होता है, और किसी का नहीं होता है।