हाँ। कुत्ते आदि अन्य प्राणियों को भी कर्म करने की थोड़ी स्वतन्त्रता है। मुख्य रूप से तो वह भोग-योनि है। परन्तु गौण रूप से (थोड़ी सी( कर्म करने की स्वतंत्रता भी है। जैसे – पुलिस वाले कुत्ते को ट्रेनिंग देते हैं, और वो ट्रेन्ड कुत्ते चोरों को पकड़वा देते हैं। यह उनकी कुछ प्रतिशत की स्वतंत्रता है और इसका उनको ईनाम मिलता है। अच्छी बढ़िया डबल रोटी, बिस्किट खाने को मिलता है। बढ़िया शैम्पू से नहाते हैं, बढ़िया सुविधाओं में रहते हैं।
आप शाँति से अपने रास्ते में जा रहे हैं और एक कुत्ता पीछे से चुपचाप आता है और आपकी टांग पकड़ लेता है, काट लेता है तो आप उसकी डंडे से पिटाई करते हैं न। उसने अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया, इसीलिए तो पिटाई हुई। उसने पाप किया, इसीलिए दण्ड मिला। पुलिस के कुत्ते ने चोर को पकड़वाया, पुण्य किया। इसलिए उसको ईनाम मिला। यह है कुत्ते आदि प्राणियों की कर्म करने की दो-चार-पांच प्रतिशत की स्वतंत्रता।