कृपया बु(ि, मन के बारे में विश्लेषण कीजिये?

बु(ि और मन दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। ये दोनों अंतःकरण कहलाते हैं। अंतःकरण का आशय शरीर के अंदर काम करने वाले साधन से है। ‘अंतः’ अर्थात् ‘अंदर’ और ‘करण’ अर्थात् ‘साधन’ (काम करने के साधन(।
कुछ बाह्य करण हैं। ये शरीर से बाहर काम करने के साधन हैं। पाँव, आँख आदि-आदि ये जो इन्द्रियाँ हैं, ये बाह्य करण है।
स ‘मन-बु(ि’ ये दो अंतःकरण हैं। इसके साथ एक और अंतःकरण भी है, उसका नाम है ‘अहंकार’। इस प्रकार अंतःकरण की कुल संख्या तीन है, और नाम चार हैं। मन और चित्त एक ही चीज के दो नाम हैं। दूसरी चीज- बु(ि है और तीसरी चीज- अहंकार है। चीजें तीन, नाम चार।

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