(मौलवी से कानपुर में प्रश्नोत्तरसन् १८६९)
रायबहादुर दरगाही लाल वकील तथा आनरेरी मैजिस्ट्रेट कानपुर ने वर्णन
किया कि जब स्वामी जी कानपुर में हमारे घाट पर ठहरे हुए थे, तो एक
मौलवी आये । स्वामी जी ने उससे कुरान के विषय में कहा कि कुरान
तुम्हारा ईश्वरीय वचन नहीं हो सकता इसलिये कि उसकी बिस्मिल्लाह
अशुद्ध है । मौलवी ने अर्थ किये । स्वामी जी ने कहा कि यदि ईश्वर ने
बनाया है तो फिर वह किस ईश्वर के नाम से आरम्भ करता है ? इस पर
वह मौन होकर चले गये । (लेखराम पृष्ठ १३५—१३६)