मनुष्य जीवन का निर्माण, ईश्वर मोक्ष प्राप्ति कराने के लिए करता है। मनुष्य अपने पिछले कर्मों का फल भोग ले, और आगे पुरुषार्थ करके मोक्ष को प्राप्त कर ले। इसलिए मनुष्य को ईश्वर ने बनाया।
हम मनुष्य जन्म प्राप्त करके भी अगर मोक्ष के लिए कोई विशेष प्रयत्न नहीं करते, मोक्ष की ओर दो-चार कदम आगे नहीं बढ़ाते, तो फिर हमारा जीवन सफल नहीं है। मनुष्य जन्म की सार्थकता यही है, कि कुछ तो मोक्ष की ओर हम आगे बढ़ें।
जिस काम के लिए भगवान ने जन्म दिया, वो काम तो हमने किया ही नहीं। खाया-पिया और सो गए। इतना तो और प्राणी भी करते हैं। इसलिए अगर मनुष्य जन्म मिला है तो इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।