(मौलवी अहमद अली टूबान से कायमगंज में प्रश्नोत्तरनवम्बर, १८६८)
मौलवी अहमद अली टूबान से मनुष्योत्पत्ति विषय पर बातचीत हुई
तो स्वामी जी ने पूछा कि आदम—हव्वा का वियोग क्यों हुआ ? खुदा ने
उनके मन में प्रेम क्यों न उत्पन्न किया ? जो वियोग का दुःख न सहते।
इसका मौलवी कोई उत्तर न दे सका । मौलवी स्वामी जी की बात से प्रसन्न
हुआ और उनके कथन की पुष्टि करता रहा । उसने महाराज की बहुत प्रशंसा
की और कहा यह फकीर बहुत बड़ा आलिम (विद्वान्) है और बुतपरस्त
नहीं है । (देवेन्द्रनाथ १।१३०, लेखराम पृ० ११९—१२०)