अच्छे कर्मों और बुरे कर्मों का फल इस जन्म में भी मिलता है। आपको याद है दिल्ली के दो गड़बड़ व्यक्ति थे, जिनका नाम था रंगा और बिल्ला। रंगा-बिल्ला को इसी जन्म में सजा मिली या नहीं मिली? इंदिरा
गाँधी जी का हत्यारा बेअंत सिंह, उसको इसी जन्म में दण्ड मिला कि नहीं मिला? और आप छब्बीस जनवरी को देखिए, कितने वीर सैनिकों को पुरस्कार मिलते हैं, परमवीर चक्र, अशोक चक्र आदि-आदि चक्र मिलते हैं। तो यह देखो, इसी जन्म में कर्म किया, इसी जन्म में फल मिला। आप लोग इसी जन्म में मेहनत करते हैं, और इसी जन्म में खूब वेतन कमाते हैं। व्यापारी लोग व्यापार में पैसे कमाते हैं। इसी जन्म में कर्म करते हैं, इसी जन्म में फल मिलता है। खूब मिलता है।
कर्मों का फल इस जन्म में भी मिलता है। ऐसा नहीं है कि, सारा अगले जन्म में ही मिलता है। कुछ यहाँ मिलता है, कुछ आगे मिलता है।