DARSHAN
दर्शन शास्त्र : योग दर्शन
 
Language

Darshan

Shlok

सूत्र :समानजयाज्ज्वलनम् ॥॥3/39
सूत्र संख्या :39

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द

अर्थ : पद० - समानजयात्। ज्वलनम्। पदा० - (समानजयात्) समान के जय होजाने से (ज्वलनम्) तेज की प्राप्ति होती है।।

व्याख्या :
भाष्य - जिस योगी ने संयम द्वारा समान नामक प्राण को जीत लिया है उसका अग्नि के समान तेज होता है।। सं० - अब अन्य विभूति कथन करते हैं:-

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: