DARSHAN
दर्शन शास्त्र : वेदान्त-दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :स्थित्यदनाभ्यां च 1/3/7
सूत्र संख्या :7

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : पदार्थ- (स्थित्यदनाभ्याच्ञ) भोगनेवाला और साक्षी होने से भी।

व्याख्या :
भावार्थ- जीव और ब्रह्मा का भेद वेद-मंत्रों में स्पष्टता-पूर्वक दिखलाया है। एक को कर्मों का भोगनेवाला कहा है, दूसरे को भीतर रहते हुए फलरहित केवल साक्षी बतलाया है; इससे स्पष्ट प्रकट है कि श्रुतियों ने जीव और ब्रह्मा ही को लेना उचित है; यह ही सब श्रुतियों का अर्थ है। आगे दूसरा विषय आरम्भ करते हैं।

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