सूत्र :श्रोत्रग्रहणो योऽर्थः स शब्दः 2/2/21
सूत्र संख्या :21
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिस अर्थ को कान से ग्रहणकरते हैं वह शब्द है। आशय यह है कि मधर शब्द मन को प्रसन्न करता है और कठोर शब्द दुःखी करता है, इसलिए शब्द भी सुख का कारण है। इस सुख दुःख के कारण का ग्रहण कान के अतिरिक्त और किसी से नहीं हो सकता। इसलिए यही लक्षण बतलाया कि जो कान से ग्रहण हो वह शब्द है।
प्रश्न- शब्द के विषय में क्या सन्देह है जो उसकी परीक्षा की जावे?