DARSHAN
दर्शन शास्त्र : वैशेषिक दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :एकद्रव्यत्वान्न द्रव्यम् 2/2/23
सूत्र संख्या :23

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : शब्द एक द्रव्य से उत्पन्न होता है, एक द्रव्य में रहने वाला है, इसलिए द्रव्य नहीं हो सकता, क्योंकि द्रव्य-द्रव्य के सहारे नहीं हो सकता और न कोई कार्य द्रव्य एक द्रव्य से उत्पन्न हो सकता है किन्तु कार्य द्रव्य, सदैव, दो द्रव्यों से मिलकर उत्पन्न हो सकता है। आजकल के साइन्स के ज्ञाता जो औक्सिजन आदि वायु को, गैस आदि के रूप में लाकर, तत्व मान लेते हैं, उनका भी खंडन इस सूत्र से हो जाता है। आशय यह है कि यदि एक ही वस्तु के परमाणुओं को मिलाकर कोई द्रव्य बनाना चाहें तो बन नहीं सकता केवल तत्व (ऐलिमेण्ड) परमाणु (टेरम) की अवस्था में हो सकता है, इससे स्थूल अवस्था में संयुक्त होंगे। जबकि होता है और एक द्रव्य के आश्रय रहता है, इसलिए गुण है, द्रव्य नहीं कर्म होने का खंडन अगले सूत्र से करते हैं-

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: