सूत्र :कार्यविशेषेण नानात्वम् 2/2/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यद्यपि दिशा स्वरूप से एक ही है, परन्तु कार्य के होने से अनेक ज्ञात होती हैं। दश दिशायें कार्य के कारण कही जाती हैं।
प्रश्न- ऐसा कोन सा कार्य है जिसके सवब से देश दिशाओं की गणना होती है? जब कि दिशा नित्य हैं तो उसके कार्य अनित्य होंगे, उन्हें दिशा कहना ठीक नहीं?