सूत्र :द्रव्यत्वनित्यत्वे वायुना व्याख्याते 2/2/7
सूत्र संख्या :7
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिस प्रकार वायु गुण वाला होने से द्रव्य है, ऐसे ही काल भी गुण वाला होने से द्रव्य है। जिस प्रकार वायु, किसी द्रव्य से उत्पन्न न होने से नित्य है, इसी प्रकार काल भी नित्य है।
व्याख्या :
प्रश्न- काल में कौन-कौन से गुण पाये जाते हैं?
उत्तर- परत्व और अपरत्व ये दो गुण सामान्यता उसके लक्षण से ही सिद्ध हैं।
प्रश्न- परत्व किसको कहते हैं?
जो जिसके समीप हो या पूर्व हो।
प्रश्न- काल एक है या अनेक?