सूत्र :कारणगुणपूर्वकः कार्यगुणो दृष्टः 2/1/24
सूत्र संख्या :24
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : कारण के गुण के अनुसार ही कार्य के गुण देखे जाते हैं। क्योंकि पृथ्वी आदि में जो पाये जो है, वे सब उपादान कारण के अनुसार ही होते हैं। जो जो किसी कारीगर की बनाई सुन्दर वस्तुओं में रूपमत्ता आदि गुण पाये जाते हैं वह निमित्त कारण के गुण के अनुसार ही होते हैं। जैसे कत्र्ता होगा वैसी ही कार्य के भीतर श्रेष्ठता देखी जावेगी परन्तु रूप के समान कोई कारण शब्द का ज्ञात नहीं होता न तो उसकी उत्पत्ति पृथ्वी से होती है और न पानी से न आग और हवा का वह गुण सिद्ध होता है इस पर युक्ति देते हैं।