सूत्र :असदिति भूत-प्रत्यक्षाभावाद्भूतस्मृतेर्विरोधिप्रत्यक्षवत् 9/1/6
सूत्र संख्या :6
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : नहीं है, यह कारण में प्रत्यक्ष ज्ञान होता है। उससे घड़ा नहीं है, घड़ा नाश हो गया अब घड़ा टूट गया इस प्रकार का प्रत्यक्ष का ज्ञान होता है। इससे विरूद्ध उदाहरण प्रत्यक्ष की तरह मालूम होता है। ऐसे ही उनके टूटने का भी प्रत्यक्ष से ज्ञान होता है। उसका कारण बतलाते हैं गुजरे हुए के प्रत्यक्ष न होने से घड़े का यथार्थ ज्ञान नहीं होता। उसमें यह तर्क उत्पन्न होती है कि यदि यहां घड़ा हो तो जिस प्रकार दीखती है उसी प्रकार घड़ा भी दीखता, यद्यपि दिखाई नहीं देता इस वास्ते नहीं है। इसके अभाव का प्रमाण भूत का स्मरण होना भी घड़े आदि न रहने पर उसकी स्मृति अर्थात् याद आना इसके उपस्थित अभाव का प्रमाण है।