सूत्र :अर्थ इति द्रव्यगुणकर्मसु 8/2/3
सूत्र संख्या :3
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिस प्रकार अवसर पर अर्थ किया जावे तो वहां वैशेषिक शास्त्र के अनुसार द्रव्य, गुण और कर्म ही को समझना चाहिए, क्योंकि यह वैशिषिक शास्त्र का प्रचलित शब्द है। अर्थ शब्द से तीनों का वर्णन होने से परशिष्ट पादाचार्य ने भी लिखा है अर्थ शब्द से तीनों का वर्ण होता है।