सूत्र :नित्ये नित्यम् 7/1/19
सूत्र संख्या :19
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : नित्य जो आकाश और परमाणु आदि हैं उनमें जो परिमाण है वह नित्य है क्योंकि उसका नाश आश्रय के नाश से होता है, और नित्य पदार्थ का नाश होता नहीं, इसलिए उसमें रहने वाले परिमाण का भी नाश, जो परिमाण का नाश करने वाला है, विद्यमान नहीं। आशय यह है कि नित्य पदार्थ का परिमाण भी है इसको अगले सूत्र से और पुष्ट करते हैं-