सूत्र :एतेन दीर्घत्वह्रस्वत्वे व्याख्याते 7/1/17
सूत्र संख्या :17
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : सूक्ष्म और स्थूल में भी सूक्ष्मत्व और स्थूलत्व के अतिरिक्त उनके भीतर कोई गुण नहीं रहता। आशय यह है कि सूक्ष्म द्रव्य में सूक्ष्मता रहती है, परन्तु उस सूक्ष्मता में कोई गुण नहीं। ऐसे ही स्थूल द्रव्य में स्थूलत्व रहता है परन्तु स्थूलत्व अवश्य होगा, और छोटे और एक द्रव्य में सूक्ष्मता अवश्य होगी। जहां छोटापन नित्य है वैसे ही सूक्ष्मत्व भी नित्य है। अब इन परिमाणों के के अनित्य वा नित्य होने का विचार करते हैं, और उनके नाश का कारण बताते हैं-