सूत्र :संयोगानां द्रव्यम् 1/1/27
सूत्र संख्या :27
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : प्रत्येक सावयव पदार्थ संयोग से उत्पन्न होता है। अर्थात् जब अनेक अवयव किसी प्रकार परस्पर मिलते हैं तो कार्य उत्पन्न होता है। अतः प्रत्येक पदार्थ का कारण संयोग है। बिना संयोग के कोई सावयव पदार्थ उत्पन्न नहीं हो सकता। परन्तु, यह ध्यान रखना चाहिए कि जो द्रव्य स्पर्श गुण से रहित हें और जिनके परमाणु नहीं होते, उनके संयोग से कोई कार्य द्रव्य नहीं हो सकता, और न वे किसी के संयोग से बने हैं।