सूत्र :आत्मगुणकर्मसु मोक्षो व्याख्यातः 6/2/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अर्थ- जब आत्मा में स्वरूप् और परमात्मा का ज्ञान होता है तो उस समय शरीर और मन का जो जीवात्मा से पृथक् होना है उससे मोक्ष हो जाता है। आत्मा को जानने का साधन क्या है? पहिे मन को शुद्ध करने के लिए काण्ड और उपासना काण्ड नियत के अनुसार करना। अष्टांग योग मुख्य साधन है। जब निर्मल मन से तम्व ज्ञान हो जावेगा तो मिथ्या ज्ञान का नाश हो जावेगा। जिस प्रकार प्रकाश से अन्धकार का नाश हो जाता है। मिथ्या ज्ञान से राग-द्वेष का नाश होगा। इसी प्रकार आगे की प्रवृत्ति का नाश होने से मुक्ति हो जाती है।
छठा अध्याय समाप्त हुआ।