सूत्र :संस्काराभावे गुरुत्वात्पतनम् 5/1/18
सूत्र संख्या :18
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : संस्कार के न होने पर भारी होने से वस्तु गिर जाती है। आशय यह है, कि भारी वस्तु पृथ्वी का आकर्षण शक्ति से नीचे गिरती है। जब तक उस आकर्षण को रोकने वाला संस्कार कर्म को उत्पन्न करता है तब तक यह आकर्षण खींचने को रोकन वाला कर्म उत्पन्न नहीं होता। इसलिए आकर्षण उस बाण को गिरा देती है।।
पांचवें अध्याय का पहिला आह्निक समाप्त