सूत्र :अपां संयोगाभावे गुरुत्वात्पतनम् 5/2/3
सूत्र संख्या :3
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : वर्षा में जो पानी ऊपर से नीचे गिरता है, वह संयोग के न रहने से भारी होने के कारण ही है अर्थात् प्रत्येक भारी वस्तु पृथिवी की आकर्षण से नीचे गिरते हैं। जब तक कोई विरूद्ध शक्ति उसको नीचे से रोकती है तब त बवह नहीं गिरती जब संयोग जो रोकने वाला था नष्ट हो गया तब पृथिवी के आकर्षण से पानी गिरने लगता है। इस कर्म का समवाय कारण गुरूत्व और बादल में संयोग का अभाव निमित्त कारण है।
प्रश्न- जो पानी बरसकर नीचे की ओर जाता है, उसका क्या कारण हैं?