DARSHAN
दर्शन शास्त्र : वैशेषिक दर्शन
 
Language

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सूत्र :द्रवत्वात्स्यन्दनम् 5/2/4
सूत्र संख्या :4

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : पृथिवी पर गिरे हुए पानी की बूंदें, परस्पर मिलकर जो पानी के अवयवों के समूह की सूरत धारा को पैदा करती है, उसका जो नीचे की ओर बहना है अर्थात् जहां पर पानी कगरा था वहां से दूर चला जाना निमित्त कारण है यह कर्म द्रवत्व असमवाय कारण से उत्पन्न होता है और भारी होना निमित्तकारण है और जल समवाय कारण है। प्रश्न- द्रवत्व किसकों कहते हैं? उत्तर- जो बहने वाली शक्ति है उसे ‘‘द्रवत्व’’ कहते हैं जिससे बहने वाली चीजों में नीचे की ओर बहना पाया जाता है प्रश्न- यदि पृथिवी पर हरने वाले पानी का ऊपर जाना होता तो भारी होने से उन का नीचे गिरना या बरसना सम्भव होता, इसलिए जब जल नीचे की ओर जाता है ऊपर जाता ही नहीं तो यह कैसे सम्भव है?

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