सूत्र :तथात्म-संयोगो हस्तकर्मणि 5/1/4
सूत्र संख्या :4
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जब मूसल नीचे गिरते समय हाथ भी नीचे की ओ गिरता है उसमें भी आत्मा के संयोग की कोई आवश्यकता नहीं है अर्थात् हाथ की उस क्रिया का आत्मा का प्रयत्न कारण नहीं किन्तु नीचे गिरने के कर्म में आत्मा के प्रयत्न की आवश्यकता नहीं। या यह समझो कि जब आत्मा अपने प्रयत्न से काम करता है तो उन्नति होती है, यदि मन आदि के पीछे लग जाता है तो अवनति होती है।