DARSHAN
दर्शन शास्त्र : वैशेषिक दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :द्रव्यगुण-कर्मणां द्रव्यं कारणं सामान्यम् 1/1/18
सूत्र संख्या :18

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : द्रव्य गुण और कर्म इन सबका सामान्यतया एक कारण होता है। जैसे एक माता के कई पुत्र होते हैं ऐसे ही एक-एक उपादान कारण द्रव्य में कार्य द्रव्य, और कर्म रहते हैं द्रव्य से उत्पन्न होना इन तीनों में समान है। जिस प्रकार जिस मिट्टी से घड़ा उत्पन्न होता है, उसी में जड़ता और गन्ध गुण भी रहते हैं। और संकोच कर्म भी रहता है। इसी प्रकार जिस अग्नि से दीपक उत्पन्न होता है, उसी में रूप में गुण भी रहता है। और ऊपर चलना रूप कर्म भी रहता है। इसी प्रकार और भी समझ लेना। परन्तु ऐसा उपादान कारण में ही पाओगे अन्य में नहीं।