DARSHAN
दर्शन शास्त्र : वैशेषिक दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :न द्रव्यं कार्यं कारणं च बधति 1/1/12
सूत्र संख्या :12

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : कोई कार्य द्रव्य अपने कार्य का नाश नहीं करता, और न कोई कारण द्रव्य कार्य नाश करता है। आशय यह है कि कार्य कारण द्रव्य एक दूसरे के (परस्पर) विरोधी नहीं है। कार्य के बनने पर भी कारण बना ही रहता है। जिस प्रकार स्वर्ण से आभूषण बनता है, परन्तु आभूषण में सोना रूपी कारण बना ही रहता है। आभूषण सोने का नाश करता। सोना भी बना हुआ है और आभूषण भी कहाता है। या यह कहो कि द्रव्य का कारण जो परमाणु है वह भी उसका नाशक नहीं है, और जो उससे बने हुए कार्य बने हुए हुए कार्य घड़ा खपड़ा आदि हैं, वे भी नाश नहीं करते किन्तु कार्य द्रव्य के नाश का कारण हो सकता है। यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि नाश सदैव कार्य द्रव्य का ही हुआ करता है, कारण द्रव्य का कभी नाश नहीं होता।

व्याख्या :
प्रश्न- नाश किसको कहते हैं? उत्तर- जिस कारण के अवयवों के संयोग से कार्य की उत्पत्ति हुई है उसी कारण में कार्य का अवयव होकर मिल जाना ही नाश कहाता है। प्रश्न- क्या नाश का अर्थ बिल्कुल न रहना अर्थात् अभाव नहीं है? उत्तर- नाश शब्द ‘‘राशि’’ अदर्शन धातु से बना है जिसके अर्थ बिल्कुल न रहने के नहीं हैं किन्तु प्रत्यक्ष न होने के हैं यदि कोई नाश के अर्थ अभाव के करता है तो उससे बूझना चाहिए कि अभाव चार प्रकार का होता है। (1) प्रागभाव, (2) विध्वंसाभाव, (3) अन्योन्याभाव, (4) अत्यन्ताभाव। प्रागभाव-जैसे घड़े की उत्पत्ति से पूर्व घड़े का अभाव था। विध्वंसाभाव- घड़े के टूटने पर उसका अभाव हो गया। अन्योन्याभाव- जिस प्रकार घड़े में कपड़ापन नहीं और कपड़े में घड़ापन नहीं है। अत्यन्तोभाव- जिसका कभी अस्तित्व नहीं जैसे मनुष्य के सीं यदि कहो कि नाश के अर्थ अत्यन्ताभाव के हैं, तो किसी प्रकार सम्भव नहीं। क्योंकि नाश से पूर्व वह वस्तु विद्यमान थी। यदि इसके अतिरिक्त कोई अभाव सिवाय ध्वंसाभाव के मानोगे तो भी ठीक नहीं। न तो कोई वस्तु अत्यन्ताभाव से उत्पन्न हो सकती है और न किसी का अत्यन्ताभाव हो सकता है।

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: