सूत्र :कारणभावात्कार्यभावः 4/1/3
सूत्र संख्या :3
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : कारण के अभाव से कार्य का अभाव होता है, परन्तु यह नियम नहीं कि कार्य के अभाव से कारण भी अभाव हो। यदि सृष्टि का कारण परमाणु नहीं तो सृष्टि का उत्पन्न होना ही संभव नहीं क्योंकि उपादान कारण का नियम संसार में देखा जाता है। यदि कार्य कारण का नियम संसार में न हो तो कोई मनुष्य किस प्रकार किसी वस्तु को लेकर कार्य आरम्भ करें; इसलिए जो गुण कारण में होते हैं वही गुण कार्य में आते हैं। जैसे घड़े आदि में देखते हैं कि यदि वह पीतल के गुण, लोहे से बने तो लोहे के गुण, और मट्टी से बने तो उसमें मट्टी के गुण अवश्य पाये जावेंगे।
प्रश्न- कार्य और कारण सारे पदार्थ नित्य होते हैं, इसलिए कारण कार्य का सम्बन्ध ही नहीं होता।