सूत्र :अहमिति प्रत्यगा-त्मनि भावात्परत्राभावादर्थान्तरप्रत्यक्षः 3/2/14
सूत्र संख्या :14
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : व्याप्ति के विरूद्ध जो हुतु होगा वह हेत्वा भास कहावेगा, प्रथम तो हां व्याप्ति अप्रसिद्ध हो तो हेतु को हेत्वाभास कहेंगे। व्यांप्ति की सिद्धि प्रत्यक्ष देखने से ही हो सकती है, जहां व्याप्ति सबसे अधिक दूषित सिद्ध होती है इसलिए उसको हेत्वाभास ठहराया। दूसरे जह