सूत्र :अनित्यश्चायं कारणतः 2/2/28
सूत्र संख्या :28
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : शब्द कारण से उत्पन्न होता है, इसलिए वह कार्य होने से अनित्य है।
व्याख्या :
प्रश्न- शब्द की उत्पत्ति कारण क्या है?
उत्तर- नगाड़े पर चोट लगाने से शब्द उत्पन्न होता है, बासंरी में फूंक मारने से शब्द उत्पन्न होता है, ऐसे ही किसी न किसी प्रकार के कर्म से ही शब्द उत्पन्न होता है।
प्रश्न- हम संयोग से उत्पत्ति नहीं मानते किन्तु प्रकट होना मानते हैं।