सूत्र :प्रमाणतः सिद्धेः प्रमाणानां प्रमाणान्तरसिद्धिप्रसङ्गः II2/1/17
सूत्र संख्या :17
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि प्रमाण को प्रमाण से परिमित किया जावे, तो प्रत्येक प्रमाण को परिमित करने के लिए प्रमाणों को प्रसंग कभी खत्म न होगा। उदाहरण यह है, कि जिस प्रमाण से तुम पहिले प्रमाण को परिमित करोगे उसके लिए तीसरे प्रमाण की आवश्यकता होगी, इसी तरह तीसरे के लिए चौथे की बात यह है, कि इसी तरह प्रमाणों के अनन्त होने से भी काम नहीं चलेगा। अन्त में प्रमाण को बिना प्रमाण ही सत्य मानना पड़ेगा। जब अन्त में नतीजा वही निकला तो परिश्रम करना वेफायदा है। विपक्षी इस सिद्धान्त पर कि प्रमाण मिला प्रमाण के परिमित हो जाता है इस पक्ष का उठाता है।