DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :अविज्ञातं चाज्ञानम् II5/2/18
सूत्र संख्या :18

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : प्रतिपक्षी के तीन बार जतलाये जाने पर भी जो किसी विषय को नहीं समझता, वह अज्ञानरूप् निग्रहस्थान में पड़ता हैं। क्योंकि बिना जाने न स्वपक्ष का मण्डन और न परपक्ष का खण्डन हो सकता हैं। अब अप्रतिभा का लक्षण कहते हैं:-

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