सूत्र :शब्दार्थयोः पुनर्वचनं पुनरुक्तमन्यत्रानुवादात् II5/2/14
सूत्र संख्या :14
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि किसी प्रयोजन से कोई बात दो बार या अधिक बार कही जाये तो उसे अनुवाद कहते है। अनुवाद को छोड़ कर किसी बात को दो बार या अधिक बार कहना पुनरुक्त निग्रहस्थान है। अनुवाद और पुनरुक्त में क्या भेद हैं ?