सूत्र :हेतूदाहरणाधिकमधिकम् II5/2/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जहां एक ही हेतु और दृष्टान्त से साध्य सिद्ध हो जाता हैं, वहां व्यर्थ अनेक हेतु और उदाहरणों को प्रस्तुत करना अधि कनाम निग्रहस्थान है।
अब पुनरुक्त का लक्षण कहते हैं: