सूत्र :वर्णक्रमनिर्देशवन्निरर्थकम् II5/2/8
सूत्र संख्या :8
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो, उनके उच्चारण को निरर्थक निग्रहस्थान कहते हैं, जैसे कोई यह प्रतिज्ञा करे कि शब्द नित्य हैं और हेतु यह देने लगे कि ज ब ग ड़ द श्। होने से। जबगड़दश् यद्यपि वर्णकम निर्देश निर्देश हैं। अतएव जिसमें हेतु के स्थान में निरर्थक शब्दों का उच्चारण किया जाय, उसको निरर्थक निग्रहस्थान कहते हैं।
अब अविज्ञातार्थ का लक्षण कहते हैं: