सूत्र :तदर्थं यमनियमाभ्यामात्मसंस्कारो योगाच्चाध्यात्मविध्युपायैः II4/2/46
सूत्र संख्या :46
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : योगशास्त्र के विध्यनुसार यम नियमसदि आठ अंगों के द्वारा आत्मसंस्कार करना चाहिए।
व्याख्या :
प्रश्न- योग के आठ अंग क्या हैं?
उत्तर- (1) यम (2) नियम (3) आसन (4) प्राणायाम (5) प्रत्याहार (6) धारणा (7) ध्यान (8) समाधि। इनकी व्याख्या योगदर्शन के साधनपाद में की गई है।
प्रश्न- क्या योगाभ्यास के बिना मुक्ति नहीं हो सकती?
उत्तर- योग के बिना तत्त्वज्ञान का होना कठिन है और तत्त्वज्ञान के बिना मुक्ति नहीं हो सकती। इसलिए मुमुक्ष को योगाभ्यास आवश्यक हैं।
प्रश्न- योग और समाधि से तत्त्वज्ञान होने में क्या प्रमाण है?
उत्तर- यदि कोई पूछे कि मिसरी के मीठा होने में क्या प्रमाण है तो इसका उत्तर यह है कि या तो जिन्होंने मिसरी का खाया हैं, उनसे पूछो या खुद खाकर देख लो, इसके सिवाय और क्या प्रमाण हो सकता है इसी प्रकार या तो योगियों से जाकर पूछों या खूद योग करके देखो। योग अतिरिक्त और भी मोक्ष के साधन हैं-