सूत्र :ज्ञानग्रह-णाभ्यासस्तद्विद्यैश्च सह संवादः II4/2/47
सूत्र संख्या :47
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : योगसाधन के अतिरिक्त मोक्ष प्राप्ति के लिए मुमुक्ष को अध्ययन, श्रवण और मनन के द्वारा तत्त्वज्ञान का निरन्तर अभ्यास करना चाहिए। इसके अतिरिक्त बुद्धि को परिपक्व बनाने के लिए तत्त्वज्ञानियों के साथ संवाद भी करना चाहिए। क्योंकि बिना अभ्यास के ज्ञान की वृद्धि और बिना संवाद के बुद्धि की परिपक्वता और सन्देहों की निवृद्धि नहीं हो सकती। संवाद किस प्रकार करना चाहिएः