सूत्र :बुद्धेश्चैवं निमित्तसद्भावोपलम्भात् II4/2/36
सूत्र संख्या :36
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसे वस्तु सत्ता अनिवार्य है अर्थात् उसका अभाव नहीं हो सकता वैसे ही मिथ्या बुद्धि का भी अभाव नहीं होता। केवल जिसको तत्त्वज्ञान हुआ है, उसके आत्मा से मिथ्या ज्ञान दूर हो जाता है, अन्यत्र उसकी उत्पत्ति और स्थिति देखी जाती है। अतः निमित्त और सद्भाव के होने से मिथ्या ज्ञान की सत्ता है। अब इसके भेद दिलाते हैं-