सूत्र :अवयवान्तराभावेऽप्यवृत्तेरहेतुः II4/2/12
सूत्र संख्या :12
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : वादी ने एक अवयवी के दूसरे अवयों में नहोने से जो अवयवी का अभाव सिद्ध किया गया था, वह भी ठीक नहीं क्योंकि अवयव और अवयवी में अन्योयाश्रय सम्बन्ध है और यह सम्बन्ध तभी रह सकता है जबकि अवयवी अपनी वृत्तियों से सम्नूर्ण अवयवों में वर्तमान र्हो इस पर आक्षेपः-