सूत्र :कृत्स्नैकदेशावृत्तित्वादवयवानामवयव्यभावः II4/2/7
सूत्र संख्या :7
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : प्रत्येक वस्तु में परिणाम भेद से एक वस्तु के साथ दूसरी वस्तु का सम्बन्ध न होने से अवयवी सिद्ध नहीं होता और जिस देश में अवयव रहते हैं उसमें अवयवी के न रहने से नहीं अवयवों के रहने से किन्तु प्रत्येक के भिन्न-भिन्न देशों में रहने से अवयवों का एक-दूसरे से सम्बन्ध नहीं हो सकता, जब अवयव ही भिन्न-भिन्न हैं तो उनका एक अवयवी कैसे सिद्ध हो सकेगा? फिर आक्षेप की पुष्टि करते हैं-